डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को मिली स्वतंत्रता, जाल हटा

डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को मिली स्वतंत्रता, जाल हटा

बदायूं जिले में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर एक बार फिर हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न हो गई है। गौतम संदेश में खबर प्रकाशित होने के बाद जेल की तरह लोहे की सलाखों में बंद की गई डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा को मुक्त कर दिया गया है। प्रतिमा के स्वतंत्र होते ही पुलिस-प्रशासन एक बार फिर हास्य का पात्र बन गया है।

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उल्लेखनीय है कि सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित गद्दी चौक पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लोहे के मजबूत जाल में बंद कर दिया गया था। प्रतिमा को लोहे के जाल में बंद करने के बाद ताला भी लगा दिया गया था, जबकि प्रतिमा की सुरक्षा के लिए पुलिस की ओर से ड्यूटी लगी हुई है, यहाँ तीन होमगार्ड प्रतिमा की 24 घंटे सुरक्षा करते हैं, इस खबर को गौतम संदेश ने प्रकाशित किया था, जिसके बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गया और फिर जाल को हटवा दिया गया, इससे पुलिस-प्रशासन हास्य का पात्र बन गया है।

पढ़ें: डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को सलाखों में किया कैद

यह भी बता दें कि कुंवरगाँव थाना क्षेत्र के गाँव दुगरैया में स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा 4 अप्रैल की सुबह को खंडित कर दी गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मूर्ति खंडित करने वाले के नाम का खुलासा कर दिया था, साथ ही आगरा से नई मूर्ति मंगवा कर लगवा दी थी लेकिन, नई मूर्ति की पोशाक भगवा रंग की थी, जिससे नई भगवा मूर्ति चर्चा का विषय बन गई तो, प्रतिमा की पोशाक को नीला करा दिया गया था, इस पर भगवा रंग कराने वालों की जमकर फजीहत हुई थी।

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