महिला सिपाहियों को गलत नजर से देखता है एसओ, एसएसपी से शिकायत

महिला सिपाहियों को गलत नजर से देखता है एसओ, एसएसपी से शिकायत

बदायूं जिले में आपराधिक वारदातें रोकने में नाकाम साबित हो रही पुलिस अब स्वयं ही आरोपों के घेरे में हैं। यौन उत्पीड़न की वारदातों को लेकर कुख्यात हो चुके जिले में थाना प्रभारी ही साथी महिला सिपाहियों को गलत नजर से देखता है। तीन महिला सिपाहियों ने थाना प्रभारी की हरकतों से तंग आकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। जघन्य आरोप के बावजूद अभी तक थाना प्रभारी को हटाया तक नहीं गया है।

सनसनीखेज आरोप कादरचौक के थाना प्रभारी हरिभान सिंह पर लगे हैं। थाने में तैनात तीन महिला सिपाहियों ने संयुक्त रूप से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है, जिसमें लिखा है कि 15 मई को एक चौथी महिला सिपाही किसी को बताये बिना अपने सीतापुर स्थित घर चली गई थी, जो 17 मई की रात करीब 2 बजे वापस लौटी तो, वह बेहद परेशान नजर आई, उसके शरीर पर चोट के निशान थे एवं हर समय रोती रहती थी। उन्होंने उस पीड़ित सिपाही से कारण जानना चाहा तो, उसने दखल देने से मना कर दिया।

महिला सिपाही की हालत अच्छी नहीं थी, ऐसे में वह कुछ भी कर सकती थी, सो साथी महिला सिपाहियों ने उसकी हालत के बारे में एसओ हरिभान सिंह को बताया और जीडी में तस्करा डालने को कहा लेकिन, हरिभान सिंह ने उस लड़की की हालत को गंभीरता से नहीं लिया, कहने लगे कि वह कुछ नहीं करेगी, उसकी जिम्मेदारी वे लेते हैं, इस पर तीनों महिला सिपाहियों ने एसएसपी को अवगत कराने को कहा तो, भला-बुरा कहने लगे, साथ ही कहा कि तुम लोगों की औकात एसएसपी से मिलने की नहीं है, यह कह कर सामने से भगा दिया।

अगले दिन तीनों महिला सिपाही एसओ को बता कर एसएसपी से मिलने आईं लेकिन, उन्हें एसएसपी ने नहीं मिलने दिया गया, वे लौट कर गईं तो, पता चला कि तीनों की एसओ ने गैर हाजिरी दर्ज कर दी, जिसके बाद वापसी करने को भी तैयार नहीं हुए, साथ ही जमकर उल्टा-सीधा भी बोले। महिला सिपाहियों का आरोप है कि एसओ हरिभान सिंह उन्हें गालियाँ देते हैं, गलत नजर से देखते हैं, प्रताड़ित करते हैं एवं अपने हमराह से भी कराते हैं।

पीड़ित महिला सिपाहियों के गंभीर आरोप पर अभी तक एसओ हरिभान सिंह के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आम महिलायें यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं तो, वे पुलिस की शरण में जाती हैं। न्यायालय और शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं से सिर्फ महिला सिपाही और महिला अफसर ही बात करें लेकिन, यहाँ तो स्वयं महिला सिपाही ही यौन उत्पीड़न का शिकार हैं, ऐसे वे किस की शरण में जायें?

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