सरकार बदल गई, अफसर बदल गये, दागी सिपाही नहीं बदल रहे

बदायूं जिले में कानून व्यवस्था सही न होने के कई कारण हैं। भ्रष्टचार, लापरवाही और मनमानी चरम पर है, जिस पर अफसर राजनैतिक दबाव के चलते चाह कर भी लगाम नहीं लगा पाते। चौंकाने वाली बात यह है कि सरकार और अफसर बदल गये, फिर भी दागी खुलेआम दबंगई के साथ अवैध वसूली और मनमानी करते नजर आ रहे हैं।

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समाजवादी पार्टी की सरकार में गाय और बैलों की तस्करी पर रोक नहीं लग पा रही थी तो, आईजी के निर्देश पर एसएसपी ने गोपनीय जाँच करवाई। जांच में जिले के 11 सिपाही दागी पाये गये थे, जो न सिर्फ तस्करी बल्कि, अन्य आपराधिक वारदातें भी रूपये लेकर करवाते थे। रिपोर्ट के आधार पर आईजी ने 11 सिपाहियों का गैर जनपदों में तबादला कर दिया था लेकिन, मजबूत राजनैतिक पहुंच रखने वाले किसी सिपाही को रिलीव नहीं किया गया। दो सप्ताह तक दागी सिपाही छुट्टी वगैरह लेकर अफसरों पर दबाव बनवाते रहे और अंत में सिपाही सफल हो गये। ध्यान देने की विशेष बात यह है कि तबादले आईजी द्वारा किये थे लेकिन, निरस्त डीआईजी द्वारा किये गये।

विधान सभा चुनाव हुए और समाजवादी पार्टी की जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ गई। पुलिस विभाग के शीर्ष अफसर भी बदल गये। पुलिस विभाग में नई व्यवस्था भी लागू कर दी गई, जिसके तहत अब जोन स्तर पर एडीजी बैठते हैं और डीआईजी की जगह आईजी बैठते हैं, दावा यह भी किया जा रहा है कि पुलिस और प्रशासन पर नेताओं का कोई दबाव नहीं है, हर अफसर सही कार्य करने के लिए स्वतंत्र है, ऐसा है तो, सवाल यह है कि दागी सिपाहियों के विरुद्ध अब भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

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सूत्रों का कहना है कि दागी सिपाही विभिन्न थानों में तैनात हैं और अधिकांश दागी एसओ के हमराह हैं, कुछेक यूपी- 100 में हैं, एक का प्रमोशन हो गया है, यह सब आज भी खुलेआम अवैध वसूली कर रहे हैं। चूंकि सभी दागी नोट बनाने की मशीन हैं, सो एसओ के चहेते रहते हैं, उनके विरुद्ध एसओ शिकायत तक नहीं सुनते, साथ ही दागी सिपाही इतने दुस्साहसी हैं कि उनकी कोई शिकायत कर दे तो, वे सीधे उसके साथ मारपीट करने लगते हैं, संपर्क में रहने वाले अपराधियों से धमकी दिलवा देते हैं, कुछेक के चंगुल में महिलायें भी हैं, जिनसे फर्जी तहरीर दिलवा देते हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर दागी सिपाहियों के विरुद्ध कोई कुछ नहीं कहता, इसीलिए यह सब दागी सिपाही न सिर्फ अनुशासनहीन बल्कि, दुस्साहसी हो गये हैं, जो फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर खुलेआम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पर हमला करते रहते हैं। जो सिपाही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर हमला करने की शक्ति रखता है, उसके विरुद्ध कौन बोल सकता है, इसीलिए जिले की कानून व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है।

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