किसानों को क्रमानुसार दें नलकूप का सामान, शहर को साफ रखें व्यापारी

किसानों को क्रमानुसार दें नलकूप का सामान, शहर को साफ रखें व्यापारी

बदायूं जिले के डीएम दिनेश कुमार सिंह के निशाने पर आज विद्युत् विभाग आ गया। नलकूप कनेक्शन के लिए अब किसानों को नवादा स्थित विद्युत् भण्डार केन्द्र के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। नम्बर आते ही लेखपाल सूचना देगा। लाइन सम्बंधी विभिन्न सामान को देने में यदि अभियन्ताओं ने हेरा-फेरी की, अथवा किसानों से अवैध वसूली का प्रयास किया, तो दोषियों को जेल भेजा जाएगा। डीएम ने निर्देश दिए कि जिस कृषक का नम्बर आए, उसको पूरा सामान एक बार में ही दे दिया जाए।

जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने वर्षों से चली आ रही गम्भीर समस्या का आज निदान कर दिया। सोमवार को नगर मजिस्ट्रेट राजकुमार द्विवेदी के साथ डीएम ने नवादा स्थित विद्युत् भण्डार केन्द्र पर औचक रूप से छापा मारकर अव्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीएम ऐसे पहले अधिकारी हैं, जिन्होंने भण्डार केन्द्र पर पहुँचकर मौजूद किसानों की शिकायतों को सुना और भण्डार केन्द्र के अभियन्ता तथा कर्मचारियों से वार्ता कर समस्या के समाधान का रास्ता निकाला। डीएम ने विद्युत् कनेक्शन के लिए सामान जारी करने वाले कृषकों की सूची तिथिवार किस कृषक को किस तारीख में सामान मिलेगा, सूची अपने सम्मुख चस्पा कराई। उन्होंने कहा कि इसकी एक प्रति उनके कार्यालय पर भी लगाई जाए। सम्बंधित लेखपाल को भी सूचना दी जाए कि उसके गांव के किसानों को इस तारीख को सामान मिलेगा, जिससे किसानों को अनावश्यक चक्कर न लगाना पड़े।

डीएम ने भण्डार केन्द्र के एसडीओ वरुण कुमार गांगुली की जमकर क्लास ली और कहा कि चाहे मैं स्वंय ही क्यों न कहूँ, किसी भी किसान को बिना नम्बर से सामान न दिया जाए। विद्युत कनेक्शन का सामान देने के लिए कुल 400 मामले लंबित हैं। बोर्ड पर 4 अप्रैल तक की सूची लगी हुई थी। ब्लॉक बिसौली अन्तर्गत ग्राम कैथोली निवासी विजय पाल ने कहा कि उसकी रसीद 9 मार्च 2017 की है और उसका अभी तक नम्बर नहीं आया है। डीएम ने एसडीओ से इसका कारण पूछा तो बताया कि सामान देने के लिए रसीद के आधार पर नहीं, बल्कि स्टीमेट प्राप्ति के आधार पर सूची तैयार की गई है। डीएम ने सूची में देखा तो विजय पाल का नाम 52वें नम्बर पर दर्ज था। इसी प्रकार ब्लाक दहगवां के ग्राम कोठा निवासी करन सिंह की भी शिकायत थी कि उसका भी नाम 49वें नम्बर पर सूची में दर्ज है। इस समस्या के पूर्ण समाधान हेतु डीएम ने विद्युत विभाग के तीनों खण्डों के अभियन्ताओं की देर रात बैठक भी बुलाई। भण्डार केन्द्र के एसडीओ ने कहा कि सामान लेने के सम्बंध में किसी प्रकार की जानकारी अधिशासी अभियन्ता भण्डार केन्द्र के मोबाइल नम्बर- 8004949017 तथा सहायक अभियन्ता 8004914373 पर प्राप्त की जा सकती है।

इसके अलावा जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने व्यापारियों से अपील की है कि दुकानों का कूड़ा सड़कों एवं नाले-नालियों में न फेंके। दुकान की साफ-सफाई के बाद डस्टबिन में कूड़ा रखें। नगर पालिका की गाड़ी आने पर उसी में कूड़ा डाला जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर पालिका का काम सफाई करना है और शहर को स्वच्छ रखने का दायित्व प्रत्येक नागरिक का है। सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में डीएम ने उद्योग बन्धु की बैठक में व्यापारियों की शिकायतों को सुना। डीएम ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद बदायूँ को हिदायत दी कि व्यापार मण्डल के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर हर दुकान में कूडे़दान की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं और सफाई कर्मचारियों को कूड़ा उठाने हेतु निर्देशित करें। शहर की सफाई व्यवस्था पर डीएम ने अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि कूड़ा उठाने वाली एक गाड़ी निरन्तर शहर में घूमती रहना चाहिए। ईओ ने डीएम को अवगत कराया कि शहर की सफाई व्यवस्था हेतु 14 टीमें गठित की गई हैं।

बाजार में कहीं भी स्वच्छ शौचालय न होने पर डीएम ने व्यापारियों की मांग पर अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए कि 10-15 स्थानों का चयन कर स्वच्छ शौचालय बनवाने की कार्यवाही अमल में लाई जाए। ई-रिक्शा एवं आॅटो रिक्शा जगह-जगह रोकने तथा दोनो ओर से सवारी उतरने के कारण दुर्घटना की सम्भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए व्यापारियों के सुझाव पर डीएम ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में चलने वाले ई-रिक्शा एवं आॅटो रिक्शा की एक साइड बन्द कराई जाए। डीएम ने कहा कि एक दिसम्बर के बाद कोई भी व्यापारी दुकान के बाहर सड़क पर सामान नहीं लगा सकेगा। व्यापारियों ने इस पहल की सराहना करते हुए पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया।

जिलाधिकारी ने कुमारी प्रियंका पुत्री स्व. हंसराज निवासी सम्राट अशोकनगर के ओरियन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स से ऋण लेने की जांच के निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में जो भी दोषी हो जेल भेजा जाए। बता दें कि वर्ष 2014-15 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्रियंका को आठ लाख रुपए का ऋण स्वीकृत हुआ था, परन्तु उससे बैंक अधिकारियों ने फर्जी हस्ताक्षर कराकर ऋण की प्राप्ति सुनिश्चित कर ली थी। वास्तविकता यह है कि लाभार्थी को ऋण मिला ही नहीं है और अब बैंक ने एक लाख 90 हजार रुपए की आरसी जारी कर दी है, जिससे लाभार्थी परेशान है। बैठक में एडीएम प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, सीएमओ डाॅ. नेमी चन्द्रा, जिला विकास अधिकारी सेवाराम चौधरी, उपायुक्त उद्योग वीरेन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारी, व्यापार बन्धु के सदस्यगण मौजूद रहे।

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