लड़कियाँ पिन, कंघी, फ्रेम, पेन और दुपट्टा को बनायें हथियार

लड़कियाँ पिन, कंघी, फ्रेम, पेन और दुपट्टा को बनायें हथियार

बदायूं के ब्लूमिंगडेल स्कूल में महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण पर कार्यशाला आयोजित की गयी। अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव द्वारा कार्यशाला में रोचक, ज्ञानवर्धक एवं आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई गई, जो बच्चों के बेहद काम आयेगी।

अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण के संबंध में आत्म रक्षा, सेल्फ डिपेंड के गुण, महिला अपराध से सम्बन्धित कानूनी प्राविधान, महिला सुरक्षा के सम्बन्ध मे पुलिस विभाग द्वारा चलायी जा रही विभिन्न सेवाओं जैसे, यूपी- 100, वूमेन पॉवर लाइन- 1090, एंटी रोमियों स्कावड, महिला सम्मान प्रकोष्ठ, ट्वीटर सेवा तथा महिला सुरक्षा सम्बन्धी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया।

उन्होंने बताया कि महिला से सम्बन्धित घरेलू हिंसा से प्रताड़ित के लिये यूपी- 100 एवं 1090 अत्यधिक लाभदायक है, समस्त महिलाओं व छात्राओं को इस नम्बर को भूलना नहीं चाहिये तथा उन्होंने महिलाओं को सुरक्षा के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी बताये, जो वे किसी लाचार परिस्थिति में कभी भी प्रयोग कर सकती हैं।

उन्होंने कहा कि हेयर पिन, कंघी, चश्मे का फ्रेम, पेन, पेंसिल व दुपट्टा सबके पास रहता है, इन्हें हथियार बनाया जा सकता है। महिलाये हमेशा ध्यान रखे कि ऑटो से कभी भी कोचिंग क्लास या स्कूल व कॉलेज से या बाजार आते जाते ऑटो की एक फोटो एवं नम्बर का फोटो कैप्चर कर अपने घर पर फारवर्ड कर दें, जिससे आपके घर वालों को जानकारी मिल जायेगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों में सिक्स सेंस होता है, जिसे नजर अंदाज ना करें, गड़बड़ी की आशंका हो तो, तुरन्त महिला हेल्प लाइन 1090, यूपी- 100 को सूचित कर अपनी लोकेशन से अवगत करायें, जिससे तत्काल मौके पर पुलिस आपकी सेवा में मौजूद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि यदि कोई हमला कर रहा है तो, सबसे पहले शोर मचायें, जितनी तेज हो सके चिल्लायें, बिल्कुल घबरायें नहीं, इससे सामने वाले का हौसला टूट जाता है और आसपास के लोग मदद के लिये आ सकते हैं। यदि कोई गम्भीर स्थिति आती है तो, दिमाग को संतुलित रखें, घबराने से सामने वाला और हावी हो जाता है, किसी भी व्यक्ति पर अंधा विश्वास न करें, सेल्फ डिफेन्स के लिये जो भी चीज हाथ में डंडा, पत्थर, मिट्टी इत्यादी से आप उस पर हमला कर सकते हैं, ये ना सोचें कि उससे सामने वाले को कोई चोट आयेगी या, उसको कोई नुकसान होगा, अपने बचाव में की गयी कार्यवाही अपराध की श्रेणी में नहीं आती।

उन्होंने बालिकाओं द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब भी दिया, इस अवसर पर एसओ सिविल लाइन देवश सिंह, विद्यालय के निदेशक ज्योति मेंहदीरत्ता, अध्यक्षा पम्मी मेंहदीरत्ता, मैनेजिंग हेड ईशान मेंहदीरत्ता, श्वेता मेंहदीरत्ता, प्रबंधिका अनीता धमीजा, उप-प्रधानाचार्य श्री परशुराम मिश्रा सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।

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