सांसद संघमित्रा मौर्य की आपत्ति निरस्त, निर्वाचन को लेकर चलेगा मुकदमा

सांसद संघमित्रा मौर्य की आपत्ति निरस्त, निर्वाचन को लेकर चलेगा मुकदमा

बदायूं लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्य के निर्वाचन की वैधता को समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव की ओर से उच्च न्यायालय- इलाहबाद में चुनौती दी गई थी, इस पर संघमित्रा मौर्य ने आपत्ति की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। संघमित्रा मौर्य के निर्वाचन की वैधता को लेकर अब उच्च न्यायालय सुनवाई करेगा।

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव का याचिका में का कहना है कि लोकसभा चुनाव में 24 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे, इनमें नौ नामांकन पत्र ही स्वीकृत किए गए, 16 नामांकन पत्र नियमों के विरुद्ध अस्वीकृत कर दिए गए। 25 मार्च 2019 को मतगणना हुई, इस दौरान 8000 अधिक मतों की गिनती की गई, इतने मत चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि संघमित्रा मौर्य की शादी नवल किशोर मौर्य के साथ हुई है, इन दोनों का एक पुत्र भी है, इस बात को नामांकन पत्र में छुपाया गया है, जो उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

उक्त आधार पर धर्मेन्द्र यादव ने संघमित्रा मौर्य का निर्वाचन निरस्त करने का आग्रह किया है, इस पर सांसद संघमित्रा मौर्य द्वारा यह कहते हुए आपत्ति की गई थी कि याचिका पोषणीय नहीं है, इसलिए सुनवाई नहीं हो पा रही थी। संघमित्रा मौर्य की आपत्ति को बहस के बाद न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने निरस्त कर दिया है। एक और पूर्व प्रत्याशी दिनेश कुमार ने भी गलत तरीके से नामांकन पत्र निरस्त करने का आरोप लगाया है। अब धर्मेन्द्र यादव और दिनेश कुमार की याचिका पर 6 मई को सुनवाई होगी।

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