पुलिस अफसर ने स्वयं को घोषित किया भाजपा प्रत्याशी

पुलिस अफसर ने स्वयं को घोषित किया भाजपा प्रत्याशी

बदायूं जिले में तैनात एक पुलिस अफसर ने स्वयं को भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पुलिस अफसर स्वयं को भाजपा प्रत्याशी मान कर ही कार्य करते नजर आ रहे हैं एवं नेताओं पर खुलेआम ओछी टिप्पणी भी करते रहते हैं, जिससे वे चर्चाओं में बने हुए हैं लेकिन, शीर्ष अफसर खुलेआम हो रही अनुशासनहीनता पर मौन हैं।

अनुशासन शब्द सुनते ही दिमाग में पुलिस का नाम उभर आता है। तमाम प्रयासों के बावजूद पुलिस विभाग में यूनियन नहीं बन पाई, इसके बावजूद शहर में तैनात एक पुलिस अफसर स्वयं को वर्ष- 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। स्वयं को भाजपा प्रत्याशी मान कर कार्य करते नजर आ रहे हैं, उनके कार्यालय में क्षेत्र के चापलूस टाइप लोगों का जमावड़ा लगा रहता है, जो उनकी अपेक्षा के अनुसार भारी मतों से जीतने का दावा करते रहते हैं।

क्षेत्र के लोग चापलूसी कर नैतिक-अनैतिक कार्य करा ले जाते हैं और फिर दिन में ही खुली आँखों से अफसर स्वयं को लोकसभा में घुसते हुए महसूस करते रहते हैं। अति महत्वाकांक्षी पुलिस अफसर को लग रहा है कि चुनाव तो सिर्फ औपचारिकता होगी, सो अहंकार के चलते नेताओं के संबंध में खुलेआम ओछी टिप्पणी भी करते रहते हैं। हालात इतने हास्यास्पद हो चुके हैं कि लोग पुलिस अफसर को एमपी कह कर संबोधित करने लगे हैं।

बताते हैं कि पिछले दिनों पुलिस अफसर के एक भाजपा नेता से संबंध स्थापित हो गये थे। भाजपा नेता और पुलिस अफसर शाम ढलते ही शराब के प्याले में डूब जाते थे और फिर भाजपा नेता उन्हें भाजपा से टिकट दिलाने का दावा करने लगता था। हालाँकि भाजपा नेता नशा उतरने के बाद भूल जाता था, ऐसी ही हरकतों के चलते भाजपा नेता स्वयं हाशिये पर जा चुका है लेकिन, पुलिस अफसर पर राजनीति का नशा शराब से भी ज्यादा चढ़ गया है, जो उतर ही नहीं रहा है।

भाजपा का शीर्ष नेतृत्व लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध सशक्त प्रत्याशी खोजने में जुटा हुआ है। लोकसभा चुनाव से पहले सुनील बंसल, महेंद्रनाथ पांडेय, शिव प्रकाश सिंह और अमित शाह भाजपा प्रत्याशी को लेकर मंथन करने बदायूं आ सकते हैं, ऐसे में पुलिस अफसर का स्वयं को भाजपा प्रत्याशी घोषित कर लेना न सिर्फ हास्यास्पद है बल्कि, पुलिस अफसर को उपचार की भी जरूरत है।  माना जा रहा है कि एडीजी, डीजीपी और शासन संज्ञान में नहीं लेंगे, उससे पहले पुलिस अफसर के सिर से सांसद बनने का भूत नहीं उतरने वाला। यह भी बता दें कि सांसद बनने का सपना देख रहे पुलिस अफसर इसी वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)

Leave a Reply