कारपेंटर को सरकार में गरियाया और अब कमीशन मांगता है पीआरओ

कारपेंटर को सरकार में गरियाया और अब कमीशन मांगता है पीआरओ

बदायूं लोकसभा क्षेत्र में भैया जी का मान-सम्मान बड़े परिवार से संबंध होने के चलते अपार था। लोगों ने न सिर्फ सम्मान दिया, न सिर्फ वोट दिया बल्कि, पलकों पर भी बैठाया, ऐसा अहसास कभी नहीं होने दिया कि वे उनके बीच के नहीं हैं पर, समय गुजरने के बाद पीआरओ रूपी कारिंदे के कारनामे आम होने लगे हैं, जिससे भैया जी भी आम जनता की नजरों में गिरने लगे हैं।

संयोग से एक कारपेंटर मिल गया, जो भैया जी के कारिंदे के कारनामों से त्रस्त था और कारिंदे के साथ भैया जी को भी कोस रहा था। कारपेंटर से कहा कि वह किसी विरोधी से मिल गया है या, आरएसएस का व्यक्ति है तभी, भैया जी के बारे में ऐसी ओछी बातें कर रहा था, इस पर उसकी आँखों में आंसू भर आये। बोला- साहब, कैसे विरोधी, किसके विरोधी और यह आरएसएस क्या होता है? आँखों में आये पानी को छुपाने का प्रयास करते हुए उसने जेब से एक कुचला हुआ पर्चा निकाला और बोला- इस पर सब कुछ लिखा है, आप स्वयं देख लीजिये।

पीड़ित ने बताया कि उसे भैया जी की कोठी में काम करने के लिए बुलाया गया था। भैया जी के कारिंदे ने कहा कि कोठी के साथ लखनऊ, उसके गाँव और कानपुर के घर में भी काम करना पड़ेगा लेकिन, पेमेंट कोठी के काम में ही एडजस्ट करना है। चूंकि सब कुछ कारिंदे के हाथ में ही था, कारिंदे को ही पेमेंट देना था, सो कारपेंटर ने हाँ कर दी, उसने कोठी में पूरा काम करने के बाद कारिंदे के लखनऊ स्थित आवास पर, उसके गाँव और उसकी कानपुर की कोठी पर भी महीनों रह कर काम किया।

कारपेंटर को भैया जी की कोठी पर किये गये काम का पेमेंट वर्षों पहले दे दिया गया लेकिन, शेष तीन जगह का पेमेंट उसे आज तक नहीं मिला है। सरकार के समय उसे कारिंदा मिलता ही नहीं था या, गरिया कर भगा देता था। पीड़ित ने बताया कि वह अब कारिंदे के पास जाता है तो, कहता है कि तुम्हारे रूपये न मिलने में ही हैं अब, इसलिए रूपये लेने हैं तो, यह बताओ कि पेमेंट कराने पर उसे कितना कमीशन दोगे। पीड़ित ने बताया कि वह करीब आदमी है, उसने अपनी जेब से सामान खरीदा था और बड़े आदमी से संबंध बन जायेंगे, इसलिए मजदूरी भी बेहद कम ली थी, ऐसे में वह कमीशन कैसे दे सकता है। पीड़ित ने बताया कि कमीशन न देने के कारण उसका पेमेंट नहीं मिल पा रहा है।

पीड़ित कारपेंटर ने बताया कि उसके तीन लाख साठ हजार रूपये बकाया हैं, जिनसे सामान ही खरीदा गया था। पीड़ित ने बताया कि उसने यह भी सोचा था कि बड़े आदमी का काम करने के बाद और कई बड़े लोगों के काम मिलेंगे, उससे मुनाफा ले लेगा लेकिन, वह फंस गया है। एक कारपेंटर की कहानी सामने आ गई है, ऐसे और भी कई पीड़ित हैं, जो खुल कर आह भी नहीं भर सकते हैं। अब देखते हैं कि भैया जी अपने कारिंदे को क्या सजा देते हैं और पीड़ित कारपेंटर का पेमेंट कराते हैं या, नहीं।

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