चुनावी माहौल में भी नहीं सुधरा राहू, भैया के इशारे पर ही बेचे गये हैं टेंडर

चुनावी माहौल में भी नहीं सुधरा राहू, भैया के इशारे पर ही बेचे गये हैं टेंडर

बदायूं जिले के कुख्यात राहू-केतु में से केतु हालातों के अनुसार व्यवहार में सुधार ले आया है लेकिन, भैया का ज्यादा चहेता होने के कारण राहू चुनावी माहौल में भी जमकर तांडव कर रहा है। निधि को खुलेआम बेच रहा है, सो भैया पर भी अंगुलियाँ उठने लगी हैं, जिसका असर चुनाव पर पड़ना स्वाभाविक ही है।

भैया की अच्छी-भली छवि थी। हर धर्म और हर जाति के साथ हर आयु वर्ग के लोग भैया को विशेष सम्मान देते थे। जो समर्थक नहीं थे, जो वोट नहीं देते थे, वे भी व्यक्तिगत रूप से भैया के प्रशंसक थे। समय गुजरता गया। भैया के राहू-केतु के कारनामे सार्वजनिक होने लगे तो, शुरुआत में लोगों को लगता था कि भैया से छुप कर करते होंगे लेकिन, लोग राहू-केतु के कारनामे भैया तक पहुँचने लगे पर, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ।

बात जब ज्यादा फैलने लगी तो, भैया ने केतु की लगाम कस दी। केतु अब अपनी सीमा रेखा से बाहर नहीं जाता। हालाँकि केतु कुछेक समर्थकों के घर पर मीट खाने भर का ही शौकीन था, इस बीच थोड़ी सी चरित्रहीनता कर लेता था पर, राहू पर कोई असर नहीं हुआ। राहू में केतु वाले अवगुण तो हैं ही, उसके अलावा राहू का पेट इतना बढ़ता जा रहा है कि हर तरह से लूटने में जुटा हुआ है।

चुनावी माहौल में चंबल के डकैत भी संत हो जाते हैं लेकिन, राहू पर चुनाव का भी कोई दबाव नहीं है, वह अपने लूट के कार्य में पूरी तन्मयता के साथ जुटा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि भैया की निधि से कई सारे लोगों को टेंडर देने का आश्वासन दे रखा था। कई लोगों से स्वयं भैया ने ही कह दिया था, सो चार पैसे पैदा होने को लेकर छोटे तबके के लोग आश्वस्त थे लेकिन, सूची आई तो, खुलासा हुआ कि टेंडर राहू के चहेतों के नाम ही जारी किये गये हैं।

सूत्रों का कहना है कि राहू ने दो-तीन ठेकेदार पाल रखे हैं, जिसमें एक गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र का है और एक शेखूपुर विधान सभा क्षेत्र का, यह राहू को 35% कमीशन देते हैं, साथ ही राहू के अन्य तमाम शौक भी पूरे कराते हैं, जिससे राहू ठेके सिर्फ अपने चहेतों को ही देता है। अब तक फजीहत से भैया बचे हुए थे लेकिन, चुनावी माहौल में भी भैया के कहने के बावजूद जिन्हें ठेके नहीं मिले हैं, वे कह रहे हैं कि राहू भैया के इशारे पर ही सब कुछ कर रहा है।

जिन्हें ठेके नहीं मिल पाए, उन लोगों का यह भी कहना है कि जितना कमीशन अपने चहेतों से लेते हैं, उतना ही अन्य लोगों से लें पर, ईमानदारी की चादर ओड़ कर घी नहीं पीना चाहिए। आहत लोगों का कहना है कि वे गाँव-गाँव जाकर इस बात का खुलासा करेंगे कि राहू भैया के इशारे पर ही डकैती डाल रहा है।

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