भाजपा की एकजुटता को लगी नजर, तीन विद्रोही कार्यकर्ता निष्कासित

भाजपा की एकजुटता को लगी नजर, तीन विद्रोही कार्यकर्ता निष्कासित

बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी की एकजुटता को किसी की नजर लग गई। स्थानीय नगर निकाय चुनाव में भाजपा एकजुटता से प्रत्याशियों को चुनाव नहीं लड़ा पा रही है। कई स्थानों पर भाजपा प्रत्याशी का भाजपा कार्यकर्ता ही विरोध करते नजर आ रहे हैं। जिलाध्यक्ष हरीश कुमार शाक्य ने विरोध को गंभीरता से लेते हुए तीन लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष हरीश कुमार शाक्य ने वजीरगंज निवासी दीपेश वार्ष्णेय, बिसौली निवासी अशोक वार्ष्णेय और कछला निवासी जगदीश कुमार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बता दें कि वजीरगंज में दीपेश वार्ष्णेय और बिसौली में अशोक वार्ष्णेय टिकट के लिए अपने परिवार की महिलाओं की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला, तो वजीरगंज में दीपेश वार्ष्णेय ने अपनी भाभी संगीता वार्ष्णेय को और बिसौली में अशोक वार्ष्णेय ने अपनी पत्नी को निर्दलीय प्रत्याशी बना दिया, पर भाजपा ने इन सबके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई नहीं की। विद्रोह करने के बाद कार्रवाई करने का मतलब कोई समझ नहीं पा रहा है।

वजीरगंज में दीपेश के विद्रोह करते ही तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता पार्टी के विरोध में खड़े हो गये, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की ओर से बूथ अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल रहे अमित कुमार पाठक, अंकुर साहू और तरुण शंखधार सोमवार को त्याग पत्र दे चुके हैं, इसके अलावा इस्लामनगर में प्रमुख कार्यकर्ता पार्टी द्वारा समर्थित प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं, वहीं कछला में भी एक बड़े नेता का रिश्तेदार खुला विरोध कर रहा है, पर उसके विरुद्ध भी कार्रवाई नहीं की गई है।

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