रामदेव के संस्थानों की निगरानी करेंगे सीआईएसएफ के जवान

रामदेव के संस्थानों की निगरानी करेंगे सीआईएसएफ के जवान

किरन कांत

बाबा रामदेव
बाबा रामदेव

केंद्र सरकार ने तमाम गंभीर आरोपों से घिरे कथित संत बाबा रामदेव के समक्ष पूरी तरह समपर्ण कर दिया है। केंद्र सरकार ने बाबा रामदेव के सभी संस्थानों को विशेष सुरक्षा प्रदान कर दी है। केंद्र सरकार द्वारा विशेष सुरक्षा प्राप्त करने वाले बाबा रामदेव के संस्थान देश के तीसरे प्रमुख संस्थान बन गये हैं, जिससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार बाबा रामदेव के इशारों पर काम कर रही है।
केंद्र सरकार ने कथित संत बाबा रामदेव के संस्थानों को सीआईएसएफ जवान प्रदान कर दिए हैं। 35 जवान उत्तराखंड में हरिद्वार स्थित उनके संस्थान में पहुंच गये हैं। बाबा रामदेव के कुल 45 संस्थान हैं, सभी संस्थानों की निगरानी अब सीआईएसएफ के जवान ही करेंगे। सीआईएसएफ के जवानों की सुरक्षा अब तक गुजरात में रिलायंस पेट्रो और कर्नाटक में इन्फोटेक को ही मिली हुई है। रामदेव के संस्थान सीआईएसएफ के जवानों की सुरक्षा प्राप्त करने वाले देश के तीसरे प्रमुख संस्थान हो गये हैं, जिससे माना जा रहा है कि रामदेव की केंद्र सरकार में न सिर्फ मजबूत पकड़ है, बल्कि केंद्र सरकार उनकी मंशा के अनुरूप ही निर्णय ले रही है, जबकि रामदेव पर कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं, उनके संस्थानों में कई तरह के अनैतिक कार्य होने के भी आरोप लगते रहे हैं, ऐसे में उन सब आरोपों की निष्पक्ष जाँच कराने की जगह केंद्र सरकार रामदेव की खुल कर एकतरफा मदद करती नजर आ रही है।
रामदेव के विरुद्ध कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लिखे गये मुकदमे एक-एक कर खत्म कराये जा रहे हैं। रामदेव में फिलहाल सिर्फ यही खासियत है कि उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में खुल कर भाजपा और नरेंद्र मोदी की मदद की थी, इस मदद के बदले अब केंद्र सरकार नियमों की अवहेलना करते हुए रामदेव को लाभ पहुंचाती नजर आ रही है। यहाँ यह भी बता दें कि 27 मई को रामदेव के फूड पार्क में खूनी खेल खेला गया, जिसमें उनके भाई रामभरत और उनके गार्डों ने एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, उस जघन्य वारदात में रामभरत जेल जा चुका है एवं उसकी जमानत अर्जी स्थानीय न्यायालय से खारिज हो चुकी है। बाद में इस घटना से जुड़ा एक वीडियो प्रकाश में आया था, जिसमें घटना के समय रामदेव भी घटना स्थल के आसपास ही नजर आ रहे हैं, इसलिए पुलिस उनसे भी पूछताछ करने का मन बना रही थी, लेकिन केंद्र सरकार के खुल कर साथ आने से पुलिस अब हाथ डालने से बचती नजर आ रही है, मतलब राजनैतिक संबंध रामदेव जैसे हों, तो इस देश में हत्या जैसी वारदात में भी उसका कुछ नहीं होगा। फिलहाल रामदेव भी बड़ी चालाकी से पूरे प्रकरण को दबाने के प्रयास में जुटे हुए हैं, तभी वे आज कल मीडिया के सामने कुछ नहीं बोल रहे हैं, जबकि देश भर के मुददों पर बयानबाजी करने के लिए रामदेव कुख्यात हैं।

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