वाकई, कमाल की चीज है राजनीति

वाकई, कमाल की चीज है राजनीति

सांसद धर्मेन्द्र यादव, नरेश प्रताप और पूनम के ठहाके बने चर्चा का विषय

मंच पर हाथ मिलाते नरेश प्रताप सिंह और भारत सिंह यादव एवं ठहाके लगाते सांसद धर्मेन्द्र यादव व पूनम यादव
मंच पर हाथ मिलाते नरेश प्रताप सिंह और भारत सिंह यादव एवं ठहाके लगाते सांसद धर्मेन्द्र यादव व पूनम यादव

राजनीति सत्ता का माध्यम भर रह गई है, इसीलिए अधिकाँश राजनेताओं में रिश्तों के प्रति मोह, दर्द और शर्म तक नहीं बची है। राजनीति ऐसा विषय है, जिसमें हर रोज नई परिभाषाएं गढ़ी जाती हैं, जिससे राजनीति को जो समझने का प्रयास करता है, वह और उलझ जाता है। राजनीति के कैनवास पर आज एक ऐसी तस्वीर दिखाई दी कि लोग देखते ही दंग रह गये।

बदायूं महोत्सव के मंच पर सांसद धर्मेन्द्र यादव के दाईं ओर नरेश प्रताप सिंह विराजमान थे, उनके दाईं ओर पूनम यादव और उनके पति भारत सिंह यादव। भारत सिंह यादव सपा के धुरविरोधी धनबली और बाहुबली नेता डीपी यादव के साले हैं। बसपा की सरकार में डीपी यादव की तूती बोलती थी, तब उन्होंने भारत सिंह यादव की पत्नी पूनम यादव को सत्ता का दुरूपयोग कर जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर काबिज करा कर नरेश प्रताप सिंह के एकछत्र शासन को तार-तार कर दिया था। पूनम यादव से पहले नरेश प्रताप सिंह की पत्नी चेतना सिंह अध्यक्ष थी और उनसे पहले उनके पिता दिवगंत राजेश्वर सिंह अध्यक्ष चुने जाते रहे थे। डीपी यादव ने पूनम यादव को कुर्सी ही नहीं दिलाई, बल्कि नरेश प्रताप सिंह का सम्मान तार-तार कर दिया था, क्योंकि चुनाव में सत्ता के विरुद्ध टक्कर न दे पाने के कारण उन पर मिलीभगत का आरोप लगा और सपा से निलंबन तक हो गया। हालांकि बाद में पार्टी में वापसी तो हो गई, पर वो ठसक और चेहरे की चमक गुम हो गई थी। विधान सभा चुनाव के बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनी, तो वह अपनी खोई कुर्सी और सम्मान पाने के लिए सक्रिय हो गये।

पूनम यादव से बात करते सांसद धर्मेन्द्र यादव और ठहाके लगाते नरेश प्रताप सिंह और भारत सिंह यादव
पूनम यादव से बात करते सांसद धर्मेन्द्र यादव और ठहाके लगाते नरेश प्रताप सिंह और भारत सिंह यादव

पिछले दिनों सैफई महोत्सव के दौरान जिला पंचायत के तीस से अधिक सदस्यों को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के समक्ष पेश कर उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने की हरी झंडी ले ली। अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें तारीख भी निश्चित हो गई है। प्रतिष्ठा की जंग में कौन जीतेगा और कौन हारेगा, यह तो भविष्य ही तय करेगा, पर अपने-अपने पक्ष में गोटियाँ फिट करने में कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ रहा है। फिलहाल दोनों की जंग और उसके आने वाले परिणाम पर लोगों की गहरी नज़र जमी हुई है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि नरेश प्रताप सिंह के समर्थक भारत सिंह यादव से और भारत सिंह यादव के समर्थक नरेश प्रताप सिंह से बात तक नहीं करते, पर मंच पर आज दोनों ने हाथ ही नहीं मिलाया, बल्कि हंस-हंस कर बात भी की और इन दोनों की बातों में सांसद धर्मेन्द्र यादव भी सम्मलित रहे। नरेश प्रताप सिंह, भारत सिंह यादव, पूनम यादव और सांसद धर्मेन्द्र यादव को मंच पर ठहाके लगाते देख कुछ लोग वाकई स्तब्ध रह गये।

पूनम यादव को मिल तो नहीं गई सत्ता की शक्ति 

हाथ मिला कर ठहाके लगाना औपचारिकता ही है, तभी इस फोटो में भाव बदले से नज़र आ रहे हैं
हाथ मिला कर ठहाके लगाना औपचारिकता ही है, तभी इस फोटो में भाव बदले से नज़र आ रहे हैं

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हुए कई कार्यक्रमों में बसपा के विधायक सम्मलित नहीं हुए हैं। भारत सिंह यादव और उनकी पत्नी पूनम यादव बसपा में तो नहीं हैं, लेकिन सपा में भी नहीं हैं, ऐसे में वह दोनों मंच पर सम्मान सहित बैठे दिखाई दिए, जिससे सवाल यह भी उठ रहा है कि इस दंपत्ति को सत्ता के सूरज से एक-दो किरण की रोशनी अवश्य मिल रही है या फिर मिलने की आस है, वरना यह लोग कार्यक्रम में यूं दिखाई न दिए होते।

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