खुलासा: चिन्मयानंद पीड़ित के पैसे से ही लड़ रहा केस

खुलासा: चिन्मयानंद पीड़ित के पैसे से ही लड़ रहा केस

– धूर्त यह भी बोला- रूपये लेकर खत्म क्यूं नहीं किया झगड़ा?

– वेतन और नकदी सहित 17 लाख 40 हजार रूपये हैं बकाया

– कथित संत चिन्मयानंद ने उधार के रूपये देने से मना किया

– लड़कियों को फांस कर अय्याशी करने का है इसका प्रमुख धंधा

लड़कियों को फांस कर अय्याशी करने वाला धूर्त चिन्मयानंद
लड़कियों को फांस कर अय्याशी करने वाला धूर्त चिन्मयानंद

बेशर्मी की हद पार करते हुए तरह-तरह के आरोप लगा कर खुद को बेगुनाह साबित करने का प्रयास करने वाला चिन्मयानंद आज खुद ही मान रहा है कि उस पर पीड़ित लड़की के रूपये उधार हैं, पर वह उन रुपयों को अपने बचाव में वकीलों आदि पर खर्च कर रहा है, इसलिए नहीं देगा। चिन्मयानंद ने बातचीत के दौरान यह भी खुलासा किया कि उसने रूपये देकर झगड़ा ख़त्म करने का आफर दिया था, पर उसके आफर को पीड़ित ने ही नहीं माना।

गौरतलब है कि हरिद्वार के परमार्थ आश्रम का अधिष्ठाता और एनडीए की अटल बिहारी वाजपेई सरकार में गृह राज्यमंत्री के पद पर रह चुका कथित संत चिन्मयानंद लड़कियों को किसी तरह अपने चंगुल में फांस कर हवस का शिकार बनाता रहा है। नाबालिग लड़कियों का एक-दो वर्ष शारीरिक शोषण करने के बाद उनका विवाह अपने ही अधीनस्थों से करा देता है, जिससे इसके कुकर्मों से पर्दा नहीं उठ पाता। ऐसी तमाम लड़कियां हैं, जो इसके नौकरों और इसके शैक्षिक संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की पत्नियाँ हैं, पर लोक-लाज और भय के चलते मौन हैं, साथ ही रहने को घर और पति की नौकरी का स्वार्थ भी चुप रहने का बड़ा कारण है। इसके चंगुल में आज भी कई लड़कियां हैं, जिनके साथ लगातार मुंह काला कर रहा है।

कथित संत चिन्मयानंद के अय्याशी करने के कई अड्डे हैं, जिनमें शाहजहांपुर प्रमुख है। यहाँ इसके कई शैक्षिक संस्थान हैं, जिनकी आड़ में इसका अय्याशी का धंधा फल-फूल रहा है। इसका एक अड्डा वृन्दावन में भी है, यहाँ यह ऐसी लड़कियों के साथ रातें गुजारता है, जिनके साथ शाहजहांपुर में नहीं रह सकता। सूत्रों का कहना है कि गरीब परिवारों की लड़कियों को पैसे और गिफ्ट देकर गुलाम बना लेता है, वहीं कुछ लड़कियों को साध्वी बनाने के नाम पर फंसा लेता है, जबकि सरस्वती संप्रदाय में स्त्रियों को साध्वी नहीं बनाया जा सकता, ऐसी ही एक लड़की को इसने साध्वी बनाने के लिए तैयार किया था। आध्यात्मिक प्रकृति होने के कारण दिल्ली की रहने वाली यह लड़की साध्वी बनने को आसानी से तैयार भी हो गई, इसके बाद इस धूर्त संत ने उस लड़की के परिवार से यह कह कर संबंध-विच्छेद करा दिए कि परिवार से संबंध रखने वाले लोग संत नहीं हो सकते और लड़की के परिवार से संबंध-विच्छेद होते ही इस धूर्त ने उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। उस लड़की के पास चुप रहने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।

इसी लड़की ने 30 नवंबर 2011 को धूर्त चिन्मयानंद के विरुद्ध शाहजहांपुर की कोतवाली में अपने साथ हुए शोषण का मुदकमा दर्ज कराया, लेकिन धूर्त चिन्मयानंद ने पुलिस, डाक्टर, अदालत और मीडिया के साथ हर उस व्यक्ति को खरीद लिया, जो उसे नुकसान पहुंचा सकता था, साथ ही आरोप लगाया कि उससे करोड़ों रूपये की मांग की गई थी, जिसके पूरा न होने पर उसे फंसाया गया है। उसी लड़की से बाद में धूर्त चिन्मयानंद की फोन पर बात हुई, जिसमें यह साफ़ हो गया कि उस लड़की के रूपये इस धूर्त पर उधार हैं और यह कह कर देने से इंकार कर रहा है कि वह पैसे मुकदमे में खर्च कर रहा है, साथ ही इस बातचीत में वह यह भी कह रहा है कि उसने रूपये देकर झगड़ा ख़त्म करने को कहा था, पर तुमने ही नहीं किया।

इस लिंक पर जाकर उस लड़की और धूर्त चिन्मयानंद के बीच फोन पर हुई बात आप भी सुन सकते हैं: खुलासा

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