अनैतिकता के खेल में नैतिकता की खोज करना ही गलत

अनैतिकता के खेल में नैतिकता की खोज करना ही गलत

इंडियन प्रीमियर लीग के अध्यक्ष/कमिश्नर, चैंपियंस लीग के अध्यक्ष, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष, मोदी इंटरप्राइज़ेज़ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक के रूप में दुनिया भर में अपनी योग्यता का झंडा गाड़ चुके ललित कुमार मोदी आज कल फिर न सिर्फ चर्चाओं में हैं, बल्कि […]

हत्या और आत्म हत्या से बड़ी घटना है जगेन्द्र की मौत

हत्या और आत्म हत्या से बड़ी घटना है जगेन्द्र की मौत

दुनिया भर में चर्चित शाहजहाँपुर में हुए पत्रकार जगेन्द्र हत्या कांड को हत्या और आत्म हत्या के बीच उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रभावशाली नामजद आरोपी, पुलिस और कुछ मीडिया संस्थान शर्मनाक तरीके से दिवंगत पत्रकार का चरित्र हनन तक करने लगे हैं, जबकि बड़ा कारण हत्या, आत्म हत्या और चरित्र नहीं, बल्कि […]

मीडिया को कठघरे में खड़ा कर रही है आरोपियों की सरकार

मीडिया को कठघरे में खड़ा कर रही है आरोपियों की सरकार

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि उनके मंत्रियों को फंसाया जा रहा है, साथ ही कहना है कि सरकार पर दबाव बनाये रखने के लिए विरोधी दलों के नेता आये दिन मंत्रियों के त्याग पत्र मांगते रहते हैं। आरोप यह भी है कि समाजवादी पार्टी पर मीडिया हमलावर रहता है। समाजवादी पार्टी […]

गौरवशाली इतिहास को सामने लाये सरकार

गौरवशाली इतिहास को सामने लाये सरकार

देश की मूल विचारधारा के विपरीत विचारधारा के शासक हों, तो देश को सिर्फ राजनैतिक और आर्थिक नुकसान ही नहीं होता, बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से इतनी बड़ी क्षति होती है, जिसकी भरपाई किसी भी तरह की ही नहीं जा सकती। भारत पर विदेशियों का कब्जा रहा। गुलामी के उस दौर में भारतीय प्रतिभाओं […]

हर चीख को दबाना चाहता है शासन-प्रशासन

हर चीख को दबाना चाहता है शासन-प्रशासन

उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का नारा देने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार में ठीक विपरीत परिणाम आता नजर आ रहा है। अपराध और भ्रष्टाचार के बिन्दुओं पर तुलना की जाये, तो आज उत्तर प्रदेश बिहार से ज्यादा बदनाम नजर आ रहा है। कानून व्यवस्था को लेकर हालात इतने दयनीय हो चले हैं कि […]

वाकई, मॉल के पास तक ही रहता है संविधान का राज

वाकई, मॉल के पास तक ही रहता है संविधान का राज

फिल्में सिर्फ मनोरंजन भर का साधन नहीं हैं। आंदोलन का भी माध्यम हैं फिल्में। देश और समाज की दशा प्रदर्शित कर सामाजिक परिवर्तन में बड़ी सहायक रही हैं फिल्में। दलितों और महिलाओं के साथ पिछड़े वर्ग की सोच बदलने में फिल्मों की भूमिका अहम रही है। हाल-फिलहाल एनएच- 10 नाम की फिल्म चर्चा में है। […]

अपराध और राजनीति के भंवर में फंस सा गया कवि डीपी

अपराध और राजनीति के भंवर में फंस सा गया कवि डीपी

आम जनमानस के मध्य बाहुबलि, धनबलि और माफिया के रूप में कुख्यात राजनेता डीपी यादव उर्फ़ धर्मपाल यादव के अंदर एक रचनाकार और एक कलाकार भी रहता है। डीपी यादव की कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, साथ ही कई फिल्मों में डीपी ने अभिनय किया है एवं एक “आकांक्षा” नाम की फिल्म का निर्माण […]

सनसनीखेज है डीपी यादव के जीवन की हकीकत

चर्चित महेंद्र सिंह भाटी हत्या कांड में आज बाहुबलि व धनबलि के रूप में कुख्यात डीपी यादव सहित चार लोगों को देहरादून स्थित सीबीआई न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने डीपी यादव सहित पाल सिंह उर्फ लक्कड़पाला, करन यादव और प्रनीत भाटी को इस मामले में 28 फरवरी को दोषी करार […]

जुआरियों ने क्रिकेट को राष्ट्रवाद से जोड़ दिया

जुआरियों ने क्रिकेट को राष्ट्रवाद से जोड़ दिया

किसी की भी उत्पत्ति और विकास जिन कारणों से हुआ हो, वे गुण-अवगुण अंत समय तक बने रहते हैं। क्रिकेट की बात करें, तो यह खेल मूल रूप से ब्रिटेन के मूल निवासियों का है, जिसका अविष्कार वहां के निम्न वर्गीय बच्चों ने किया। क्रिकेट कब से खेला जाता है, इसके सटीक प्रमाण नहीं हैं, […]

लहर व्यक्ति की नहीं, बल्कि विचारधारा की होती है

लहर व्यक्ति की नहीं, बल्कि विचारधारा की होती है

दिल्ली के विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत की समीक्षा कई तरह से की जा रही है। कोई भाजपा की हार बता रहा है, कोई नरेंद्र मोदी की लहर समाप्त मान रहा है, तो कोई कांग्रेस पर व्यंग्य करता नजर आ रहा है। गंभीरता से मंथन किया जाये, तो आम […]

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