दहशत में भैंस और बकरी सहित दलित परिवार का पलायन

दहशत में भैंस और बकरी सहित दलित परिवार का पलायन
एसएसपी ऑफिस पर बंधे पीड़ित दलित परिवार के जानवर।
एसएसपी ऑफिस पर बंधे पीड़ित दलित परिवार के जानवर।

देश के हर कोने में अति दलितों की स्थिति एक समान ही है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पंपोर बॉर्डर पर आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान वीर सिंह को जिला फिरोजाबाद में स्थित पैतृक गाँव के श्मशान में दबंग जमीन देने को तैयार नहीं थे। प्रशासन की दखल के बाद शहीद को जमीन मिली। दलितों की स्थिति बदायूं जिले में भी दयनीय नजर आ रही है। दहशत में तीन माह के शिशु सहित महिला और बुजुर्गों ने एसएसपी ऑफिस पर आकर शरण ली। गाँव न लौटने के इरादे से भागे दलित परिवार के साथ भैंस और बकरी भी थे।

घटना बदायूं जिले में स्थित अलापुर थाना क्षेत्र के गाँव चंदनपुर की है। आरोप है कि गड़रिया जाति के दबंग गरीब वाल्मीकि परिवार के पीछे पड़ गये हैं, उनके सूअरों को जहर देकर मार दिया गया था। अब घर पर ही धावा बोल दिया, जिससे परिवार गाँव से भाग खड़ा हुआ। तीन माह के शिशु सहित साठ वर्ष के बुजुर्ग तक बीती रात गाँव से पलायन कर गये, उन्होंने एसएसपी ऑफिस पर आकर शरण ली, उनके साथ जरूरी सामान और भैंस-बकरी भी थे, जो एसएसपी ऑफिस पर लाकर बांध दिए।

एसएसपी ऑफिस पर खड़ा पीड़ित दलित परिवार।
एसएसपी ऑफिस पर खड़ा पीड़ित दलित परिवार।

वाल्मीकि परिवार के पलायन की सूचना पर विभाग में हड़कंप मच गया। रात में ही अफसरों ने पीड़ित परिवार से बात की और सुरक्षा दिलाने एवं मुकदमा लिखाने का आश्वासन देकर उन्हें गाँव वापस भेजा। अफसरों के आश्वासन के बाद पीड़ित परिवार रात लगभग दो बजे गाँव लौट गया।

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