प्राचीन तालाब कब्जाने वाले जनाधार विहीन हरप्रसाद ने सपा से दिया त्याग पत्र

प्राचीन तालाब कब्जाने वाले जनाधार विहीन हरप्रसाद ने सपा से दिया त्याग पत्र
समाजवादी पार्टी छोड़ने की घोषणा करते हरप्रसाद सिंह पटेल।

बदायूं जिले के समाजवादी पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता के भी चेहरे रविवार को खिल उठे। कई जगह तो लोग एक-दूसरे को बधाई देते हुए दिखाई दिए।

जी हाँ, हरप्रसाद सिंह पटेल द्वारा रविवार को समाजवादी पार्टी छोड़ दी गई, यह बात जैसे ही सार्वजनिक हुई, वैसे ही सपा कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी हर्ष व्यक्त करने लगी, क्योंकि जनाधार विहीन हरप्रसाद सिंह पटेल ने सपा पर कब्जा कर लिया था, जिससे सपा कार्यकर्ता और आम जनता बेहद नाराज थे। बताते हैं कि सपा के कार्यक्रमों में हरप्रसाद सिंह पटेल मंच पर स्वतः ही विराजमान हो जाते थे और फिर बसपा की विचारधारा का भाषण देकर आम जनता को और नाराज करते थे, इसके अलावा हरप्रसाद सिंह पटेल और उनका लड़का तीर्थेन्द्र पटेल सांसद धर्मेन्द्र यादव के आने पर घेरे रहते थे, आम जनता को मिलने में मुश्किलें पैदा करते थे, इसलिए सपा कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी एक-दूसरे को बधाई देती नजर आ रही है।

यहाँ यह भी बता दें कि हरप्रसाद सिंह पटेल भाजपा के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें इन्हें अँगुलियों पर गिनने लायक वोट मिले थे, इसी तरह पिछले चुनाव में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए पुत्र बहू चुनाव लड़ी, जो बुरी तरह हार गई। यह भी बता दें कि दातागंज तिराहे पर स्थित प्राचीन तालाब चंदोखर हरप्रसाद सिंह पटेल ने ही कब्जाया है, जिसको लेकर सांसद धर्मेन्द्र यादव की भी छवि खराब होते-होते रह गई थी, उस समय लोग यहाँ तक कहने लगे थे कि तालाब में सांसद का भी हिस्सा है, जबकि सांसद का कोई मतलब नहीं था, वे हरप्रसाद सिंह पटेल के कारण मौन रहे थे, इसलिए अब आम आदमी खुशी मना रहा है, जिससे सपा की छवि में बड़ा सुधार होगा।

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