दलित हत्या कांड में फांसी की सजा पा चुके पातांजली के भाई की मौत

दलित हत्या कांड में फांसी की सजा पा चुके पातांजली के भाई की मौत
9 सितंबर 2014 को न्यायालय परिसर में लिया गया फोटो।

बदायूं में हुए दोहरे दलित हत्या कांड के सजा याफ्ता कैदी की उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक कैदी किडनी की बीमारी से ग्रस्त था। आगरा में दस दिन से उपचार चल रहा था।

उल्लेखनीय है कि अलापुर थाना क्षेत्र के कस्बा म्याऊँ में 5 जनवरी 2005 को ब्लॉक मुख्यालय पर सहकारी समिति के चुनाव की प्रक्रिया के दौरान दिनदहाड़े हमला बोल कर गाँव कोड़ा बुजुर्ग निवासी अरवेंद्र जाटव व अशोक जाटव को गोलियों से भून दिया गया था। अरवेंद्र की मौके पर मौत हो गई थी एवं अशोक ने बाद में उपचार के दौरान दम तोड़ा था, इस घटना की रिपोर्ट माधवराम की ओर से दर्ज कराई गई थी।

उक्त प्रकरण में 9 दिसंबर 2014 को जिला न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व ब्लॉक प्रमुख पातांजलि भारद्वाज और उनके भाई वशिष्ट भारद्वाज को फांसी की सजा सुनाई थी, साथ ही उनके बेटे राहुल (मोनू) और वरुण (चीनू) को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 6 लाख 60 हजार रूपये का अर्थ दंड भी डाला गया था, जिसमें 12-12 लाख रूपये मृतकों के आश्रितों को देने का अदालत ने आदेश दिया था। प्रकरण में फरार चल रहे पातांजलि के एक बेटे विकास को भी सजा नहीं सुनाई गई थी, साथ ही उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।

सजा के बाद से दोषी जेल में हैं, इस दौरान वशिष्ट भारद्वाज की हालत बिगड़ गई। किडनी की बीमारी से ग्रस्त वशिष्ट को दस दिन पूर्व आगरा रेफर किया गया था, जहां उपचार के दौरान वशिष्ट ने दम तोड़ दिया। घटना जिले भर में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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