मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को डीएम ने दी अयोग्य सिद्ध करने की चेतावनी

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को डीएम ने दी अयोग्य सिद्ध करने की चेतावनी
राजकीय मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की बैठक लेते जिलाधिकारी पवन कुमार।
बदायूं स्थित राजकीय मेडीकल कॉलेज को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर आज डीएम ने जिम्मेदारों को आड़े हाथों ले लिया, उन्होंने कड़े लहजे में जवाब मांगे, तो संबंधित अफसर मुंह ताकते रहे। डीएम ने कॉलेज के प्रिंसपल डॉ. त्रिलोक चन्द्र से स्पष्ट कह दिया कि यदि शीघ्र ही व्यवस्थाओं में सुधार तथा एमसीआई की आपत्तियों का निस्तारण नहीं हुआ, तो प्रिंसिपल को आयोग्य घोषित करते हुए शासन को रिपोर्ट भेज दी जायेगी।
सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी पवन कुमार ने राजकीय मेडीकल कॉलेज की व्यवस्थायें ढर्रे पर लाने तथा मेडीकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एम.सी.आई) के मानकों पर खरा उतारने हेतु तैयारियाँ कराने के लिए कॉलेज के प्रिंसिपल सहित चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की जमकर क्लास ली। मेडीकल कॉलेज में एमसीआई की रिपोर्ट का कार्य देख रहे नोडल अधिकारी डॉ. थन्ना और सम्बंधित लिपिक ज्ञानेन्द्र सिंह से भी एमसीआई की पत्रावली के सम्बंध में जानकारी ली, तो वह भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। डीएम ने प्रिंसपल को एक हफ्ते की मोहलत देते हुए कड़ी चेतावनी दी है कि यदि सुधार नहीं हुआ, तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कॉलेज में कितने प्रोफेसर, लेक्चरर, नर्स, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मी कार्य कर रहे हैं, यह जानकारी भी प्रिंसिपल उपलब्ध न करा सके।
चिकित्सकों तथा बाबुओं के मध्य क्या-क्या कार्य विभाजन किया गया है। प्रिंसिपल को इन तमाम चीजों की कोई जानकारी ही नहीं थी। निर्माण कार्य के अलावा कॉलेज के प्रशासनिक विभाग को कार्यालय कार्यां तथा फर्नीचर क्रय करने एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए छह करोड़ इक्यासी लाख रुपए आवंटित किया गया था, परन्तु वित्तीय नियंत्रक एसके मिश्रा एवं बाबुओं की लापरवाही के कारण बजट का उपयोग नहीं किया, इसलिए धनराशि को वापस करना होगा। इस पर जिलाधिकारी ने वित्तीय नियंत्रक की भी जमकर क्लास ली। चार मार्च को आयोजित बैठक में समीक्षा के दौरान डीएम ने प्रिंसिपल को हिदायत दी थी कि कॉलेज के निर्माण सम्बंधी कार्यों, स्टाफ एवं दवाओं की उपलब्ध तथा चिकित्सकीय उपकरण आदि खरीदने सम्बंधी कार्यां की बुकलेट तैयार कर अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए, लेकिन प्रिंसिपल बिना बुकलेट के बैठक कराने पुनः पहुंच गए, जिस पर डीएम ने कहा कि उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव तथा अन्य सम्बंधित चिकित्सक मौजूद रहे। यहाँ यह भी बता दें लापरवाही के चलते कॉलेज का बिजली कनेक्शन भी कट चुका है।
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