माफिया ने की फायरिंग, कोतवाल पर नहीं हुई महामारी अधिनियम की कार्रवाई

माफिया ने की फायरिंग, कोतवाल पर नहीं हुई महामारी अधिनियम की कार्रवाई

बदायूं जिले के कस्बा सहसवान के हालात कोतवाली हरेन्द्र सिंह के चलते बेहद खराब हो गये हैं। शराब माफिया ने दिनदहाड़े फायर कर दिये, जिससे युवक बाल-बाल बच गया। कोतवाल हरेन्द्र सिंह ने तबलीगी जमात को लेकर अफसरों को झूठी रिपोर्ट दी है, इसको लेकर कोतवाल हरेन्द्र सिंह के विरुद्ध महामारी अधिनियम- 1897 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया होता तो, बवाल न होता।

सहसवान के मोहल्ला नयागंज में पुलिस की मिलीभगत से लॉक डाउन में भी जमकर शराब बेची जा रही थी। एक युवक ने भीड़ को लेकर सवाल कर दिया तो, दबंग शराब माफिया ने अवैध पिस्टल से फायर कर दिए। हालाँकि युवक फायर से बच गया पर, मौके पर भगदड़ मच गई। सूचना पर आई पुलिस ने दबंग शराब माफिया को हिरासत में तो ले लिया लेकिन, पुलिस माफिया के साथ वीवीआईपी जैसा व्यवहार करती नजर आ रही है।

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उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल को गौतम संदेश ने खुलासा किया था कि सहसवान में तबलीगी जमात के लोग हैं, इसके बाद एसडीएम लाल बहादुर, सीओ रामकरन के साथ कोतवाल हरेन्द्र सिंह ने छापा मारा था, वडाला (महाराष्ट्र), बुलंदशहर जिले के और आंध्र प्रदेश के लोग निकले थे, इसके बावजूद कोतवाल हरेन्द्र सिंह ने एसएसपी को भेजी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि सहसवान में तबलीगी जमात में शामिल होने वाला कोई नहीं है। रिपोर्ट में यह बात छुपा ली गई कि मस्जिद से तमाम लोग हिरासत में लिए गये थे।


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मस्जिद से निकाले गये तबलीगी जमात के लोगों से बात की तो, उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि वे जमात में शामिल होकर लौटे हैं, इसके अलावा मस्जिद से बुलंदशहर के सलमान, सिकंदर, इस्लाम, वकील अहमद, रिहान, वाहिद ताहिर, कामिल, अजरुद्दीन, अजहर, हबीब इमरान, जुनैद, स्लामुर्दान व नोयडा के अकबर भी मिले थे। वडाला (महाराष्ट्र) के सद्दाम हुसैन, मोहम्मद अली जान, अकुब फैज, मोहम्मद गुफरान, उल्लन अंसारी और सरफराज खान भी मस्जिद में मिले थे, इन्हें शुक्रवार को जिला अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है, इनका सेंपल लेकर जांच को भेजा जा रहा है, इस बात की पुष्टि डीएम कुमार प्रशांत ने भी की है।

कोतवाल हरेन्द्र सिंह ने कोरोना माहमारी को लेकर न सिर्फ लापरवाही बरती बल्कि, वरिष्ठ अफसरों को भी झूठी रिपोर्ट भेजी, इसको लेकर उनके विरूद्ध महामारी अधिनियम- 1897 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई होना चाहिए थी लेकिन, अफसर उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं, इसी का दुष्परिणाम है कि आज दिनदहाड़े शराब माफिया ने फायर कर दिया। यह भी बता दें कि कोतवाल हरेन्द्र सिंह का मेरठ जोन तबादला हो गया है, जिससे वे ड्यूटी की जगह कुछ और ही करते नजर आ रहे हैं।

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