डीएम का मृतक आश्रितों और वृद्धों के चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास

डीएम का मृतक आश्रितों और वृद्धों के चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास

बदायूं जिले में गरीब गृह स्वामी की आकस्मिक मृत्यु होने के बाद आश्रितों से बाबू पांच हजार रूपये ऐंठने के बाद ही आर्थिक सहायता देते थे, इसी तरह वृद्धा अवस्था पेंशन के पात्रों से पांच सौ रूपये वसूलने की परंपरा पड़ गई थी। खुलेआम की जा रही रिश्वतखोरी से सीडीओ और डीएम भली-भांति परिचित रहते थे, लेकिन गरीबों के हित में किसी ने कभी सोचा तक नहीं, जिससे भ्रष्ट अपना अधिकार समझ कर गरीबों को लूटते आ रहे थे।

गरीबों की समस्या को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने विभागीय अफसरों को समस्त आवेदनों की जाँच करने का निर्देश दिया। जाँच के बाद सही पाये गये समस्त आवेदनों को स्वीकृत कर दिया गया। राज्य सरकार गरीब परिवार के गृह स्वामी की मृत्यु होने पर राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत आश्रितों को तीस हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। जिले भर से 549 आवेदन प्राप्त हुए, जिन्हें अभियान के रूप में जाँच करा कर जिलाधिकारी ने स्वीकृत करा दिया है। धनराशि सीधे आश्रित के बैंक खाते में पहुंचेगी, साथ ही पात्रों की सूची वेबसाईट पर भी डाली जा रही है।

इसी तरह वृद्धा अवस्था पेंशन के आवेदन लंबे समय से लंबित थे। आवेदन लंबित होने की जानकारी जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के संज्ञान में आई, तो उन्होंने अभियान चलवा के समस्त आवेदनों की जाँच कराई। जाँच के बाद 2011 पात्र पाये गये, इन सबको स्वीकृति प्रदान करा दी गई है। धनराशि सीधे पात्रों के बैंक खाते ही जायेगी एवं पात्रों की सूची वेबसाईट पर डाली जा रही है। बता दें कि खाद्यान्न और पेंशन के सहारे ही कई परिवारों का जीवन चल रहा है, ऐसे परिवारों को भी भ्रष्ट बाबू लूटने से बाज नहीं आते।

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