
बदायूं शहर में भी संसाधन और स्पेशलिस्ट विहीन कई ऐसे क्लीनिक खुल गये हैं, जहाँ गंभीर रोगियों को भी भर्ती कर लिया जाता है और फिर उनसे रूपये ऐंठे जाते हैं। नवजात बच्चे को अचानक बरेली ले जाने का फरमान सुनाने पर परिजन फिफर गये, वे हंगामा करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत किया, वरना बवाल बढ़ सकता था।
बताते हैं कि मूसाझाग थाना क्षेत्र के गाँव कंडेला निवासी अजीत की पत्नी शालू ने मंगलवार को सुनीति नर्सिंग होम में स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया था, फिर भी उनसे कहा गया कि बच्चा कमजोर है, इसे आनंद नर्सिंग होम में भर्ती करा दीजिये। अजीत ने नवजात को भर्ती करा दिया। आनंद नर्सिंग होम के स्टाफ ने अजीत को बताया कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, वे बच्चे का उपचार करने में सक्षम हैं। अजीत बुधवार की देर शाम कुछ लेने गया था, तभी उसके मोबाइल पर फोन गया कि आपके बच्चे की हालत गंभीर हो गई है और तत्काल बरेली ले जाइये, वह दौड़ कर पहुंचा और उसने कारण पूछा, तो संतोषजनक जवाब देने की जगह स्टाफ ने कहा कि एंबुलेंस का किराया वे देंगे, लेकिन बच्चे को जल्दी बरेली ले जाइये, यह सुन कर अजीत फिफर गया। आशंका है कि आनंद नर्सिंग होम की अज्ञानता के चलते नवजात की हालत बिगड़ गई।
हंगामा होने की सूचना पर पुलिस आनंद नर्सिंग होम पहुंच गई। पुलिस ने जाँच की, साथ ही बीमार नवजात के परिजनों को समझाया कि इस समय बच्चे को सही उपचार की बेहद जरूरत है, इसलिए पहले उसका उपचार करायें। अगर, नर्सिंग होम के स्टाफ की गलती है, तो उस पर बाद में भी कार्रवाई करा सकते हैं। पुलिस के आश्वासन के बाद परिजन नवजात को बरेली ले गये। बताते हैं कि सुनीति और आनंद के बीच भाई-बहन का रिश्ता है, जिससे वह नवजात शिशु भाई के यहाँ भर्ती कराने का बनाती हैं, पर आनंद नर्सिंग होम में ट्रेंड स्टाफ और पर्याप्त साधन नहीं हैं।
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